कौन है वो
सुनहरे पलो में आगाज़ हुआ था उसका,
सुनहरे लम्हों में विश्वास जागा था उसका कि;
सुन्हेरी माटी की रक्षा के लिए.............
सुन्हेरी चिड़िया के घर जनम हुआ है उसका.
आया वो सुनेहरा मौका: जब धोये उसने पाँव......
भारत माँ के अपने रक्त से,
पर दंग रह गई दुनिया जब
रक्त से सुनहरे हुए पाँव माँ के
हल्की से मुस्कान वो हँसा , लगा फिजा
में बारूद नहीं इत्र है घुला
वो प्रहरी सुनहरी मुस्कान हँसा ....
तिरंगे में लिपटा वो सुनहरी माटी में मिला
हर आँख से एक सुनेहरा आंसू गिरा
करोड़ो जहेनो में एक ही सवाल उठा ....
कौन है वो???????
वो किसी माँ का लाडला था,
वो किसी पिता का सुनेहरा गौरव था,
पररर.. पर.... पर अब अब वो
सुनेहरा सहीद है.
sahe hai ye bat
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